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Tuesday, 13 October 2015

खली ने एक विज्ञापन से मचाई खलबली!

अंबुजा सीमेंट के नए विज्ञापन ने खली के संघर्ष की कहानी कैसे उन्हे किन दिक्कतों का सामना करना पड़ा एक मिनट मे दिखाने की कोशिश की गयी है तो देर किस बात की आप भी देखिए और इस वाईरल विडियो का मज़ा लीजिए!

Tuesday, 6 October 2015

साहब मैं ‘नशे’ के लिए नहीं कमाता!

मुझे ऑफिस के लिए लेट हो रहा था तो सोचा रिक्शा किया जाये पर जब आपको जल्दी हो तभी सब कुछ धीरे-धीरे लगने लगता है। तभी मुझे एक रिक्शा वाला दिखाई दिया मैंने आवाज़ लगाई, मैंने पूछा “टावर चलोगे?” रिक्शा वाला बोला “बिल्कुल चलेंगे 20 रु लगेंगे”। मैंने मन ही मन सोचा वहा तक के तो 10 ही रु लगते है पर एक तरफ ध्यान आया भाई धूप में ये लोग मेहनत भी तो करते है।

मैं सवार हो लिया, दो चार पैडल मारे ही होंगे मैंने रिक्शे वाले से सवालों की बौछार लगा दी।  “कहाँ के रहने वाले हो?” मैं पूछा, “बिहार से है भैया वो बोला, “यहाँ कहा रहते हो?” तो बोला “यहीं पास ही मे दो चार लोग है मिलकर एक कमरा लिए है” मैंने फिर एक सवाल पूछ मारा “शराब पीते हो?” तो थोड़ा मुस्कुराकर बोला “नहीं साहब हम नहीं पीते” मैंने आश्चर्य से पूछा “ज़रा सी भी नहीं?” वो ना की मुंडी हिलाता गया।
Image Source- The Speaking Tree



फिर मैंने पूछा शादी की है? (थोड़ा शर्मा गया) बच्चे वगेरह? तो बोला हा साहब एक लड़का एक लड़की है दोनों को स्कूल भी भेजते है” उसकी आवाज़ में ही गर्व महसूस हो रहा था और होना भी चाहिए। 
मैंने उसकी तारीफ करते हुए एक सवाल और पूछ मारा “यहा रिक्शा वाले नशाखोरी तो बहुत करते है तुम ऐसे पहले आदमी मिले हो जो इन सब चीजों से दूर है” तो वो सिर्फ दो लाइनोमे सारा सार बता गया, “साहब अगर हम इन सब मे अपना कमाया पैसा फूक देंगे तो बच्चो की फीस और घर में चूल्हा कैसे जलेगा, और थोड़ा रुक कर बोला “....और भगवान न करे हम बीमार पड़ गए तो हुमारी बीवी बच्ची को कौोन देखेगा? हम बेफिजूल खर्चा नहीं करते, मेरी लड़की कहती है एक सेब रोज़ खाने से बीमारी दूर रहती है।“
और मेरा स्टॉप अगया मैंने 20 रु दिये और चल दिया और उससे बात करके अच्छा लगा। 


मैं आज भी जब कभी कौशांबी मेट्रो स्टेशन से उतरता हूँ तो मेरी नजरे उस रिक्शा वाले को ढूँढती है
, पर वो कभी उस दिन के बाद से दिखा नहीं और मैंने भी कभी तलाशने की जहमत नहीं उठाई! 

Monday, 28 September 2015

Bloggers Contest- I'm Influencer, Chance to Meet India's Top Blogger Kulwant Nagi!

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Wednesday, 23 September 2015

दिल्ली में रह रहे हो तुम, तो ये 4 जगह देर रात झूमो सकते हो तुम!

दिल्ली मे रहते हुए मुझे करीब-करीब 3 साल हो गए पर इन चार जगह के बारे बहुत सुना है पर कभी जाने का मौका नहीं मिला। काफी दोस्तों से सुना है अरे! यहा गए हो वहा गए हो? पर  रात में सुना है दिल्ली सुरक्षित नहीं है? ये सारे सवाल अपने दिमाग से निकाल फेकिए और अब जब भी मौका मिले तो दिल्ली की ये कुछ खास जगह है जहा आप देर रात को भी एंजॉय कर सकते है।

मुझे भी ये सारी बातें सिर्फ सुनने को मिली थी और जब पता किया तो वाकई मजेदार है। 


1.   मुरथल
सुना है यहा रोज़ रात को लोग घूमने के बहाने खाना खाने आते है और साथ ही बताते है की यहा के पराठे बहुत लज़ीज़ होते है और एक दम ढाबे वाली अनुभूति मिलती है जिसका आनंद लेने दिल्ली वासी कभी भी प्लान कर सकते है जो NH1 हरयाणा की तरफ पड़ेगा।

image  source- the hindu



2.   इंडिया गेट
रात को घूमने का शौकीन तो बहुत हू पर अगर आपके पास गाड़ी न हो तो आप रात मे तफरी कैसे करेंगे। ऐसा माना जाता है रात को दिल्ली मे हैंग आउट की सबसे अच्छी जगह दिल्ली गेट है यहा ज्यादातर यंगस्टर बहुत मिल जायेंगे।
image source- https://anmolksharma.wordpress.com



3.   पंडारा रोड
जैसा की आपने विनोद दुआ को एनडीटीवी के प्रोग्राम जायका इंडिया का मे लज़ीज़ खाने का मज़े लेता देखा है वैसे ही मैंने इस रोड के बारे मे सुना है पर कभी गया नहीं। अगला टारगेट अब यही रोड है जो की वसंत कुंज के पास है और खास बात यहाँ की ये है की आप देर रात यहा लज़ीज़ खाने का मज़ा भी ले सकते है।

Image source- http://www.liveindia.com/


4.   जेएनयू (JNU)
मेरा एक दोस्त है वो हमेशा जेएनयू के खाने की तारीफ करता है और मैंने हमेशा ये सुना है यहा पढ़ाई और लंबे लैक्चर के लिए फ़ेमस है, पारा यहा कुछ कैंटीन मौजूद है जो आपको 24 घंटे चालू मिलेगी और आप देर रात कभी भी आकार भर पेट खाना खा सकते है। तो दोस्त कब ले चल रहे हो तारीफ तो बहुत सुनादी! ;)
image source- https://lbb.in



Monday, 21 September 2015

लखनऊ में जीत इंसानियत की हुई, पत्रकार आशुतोष बने हेरो!

कौन कहता है सोशल मीडिया में ताकत नहीं है! दैनिक भास्कर के फोटो जर्नलिस्ट आशुतोष त्रिपाठी ने आखिर साबित कर दिखाया की एक अकेला भी किसी की मदद के लिए काफी है! ख़ैर चलिये इनकी मदद से टूटा टाइपराइटर तो मिल गया पर जो इज्ज़त खोयी है उसका क्या होगा? उत्तर प्रदेश में ये तो आम बात रही है की गुंडा गर्दै तो होती रहेगी पर सवाल ये है की आखिर कब तक? रोज़ कोई न कोई नया कांड होता है खबर बनती है पर प्रशासन है की ज़िम्मेदारी लेने से कतराता रहा है। पेश है वो तस्वीर जिसे खुद आशुतोष ने अपने फेसबूक वाल पर पोस्ट किया था!

10 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद रोज 50 रूपए कमाने वाले कृष्ण कुमार को इस बात का अंदाजा भी न था, कि उनका 4 हजार रूपए का पुरान...

Posted by Ashutosh Tripathi on Saturday, September 19, 2015

Sunday, 20 September 2015

रविश कुमार के 10 ऐसे ट्वीट जो आपको उनका प्रशंसक बनाने के लिए काफी है!

पिछले कुछ दिनो से रविश कुमार सोशल मीडिया से गायब है वजह जो भी हो, पर उनके कुछ ऐसे ट्वीट्स है जो काफी लोकप्रिय हुए और उनके लगभग हर ट्वीट को सभी ने बहुत पसंद किया है, खास बात तो ये है की उनके हर ट्वीट मे चुटकी लेने का अंदाज़ ही सबको अपनी ओर आकर्षित करता है। रविश जी के ट्वीट से मालूम पड़ता है जैसे वो हर चीज़ को ध्यान से देखते है और साफ और सरल शब्दो में लिखते है। पेश है कुछ ऐसे ही ट्वीट जो मेरे favorites में मौजूद है।
image source http://www.ourjaipur.com/ 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10.

Friday, 18 September 2015

आपने ये नहीं देखा तो फिर क्या देखा!

प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट एवं पत्रकार माधव जोशी ने गणेश उत्सव के मौके पर तेल की बोतल को एक अनोखा रूप दिया और काफी आकर्षक भी है| जी हा गणेश जी क्या आप कभी सोच सकते है ऐसी कलाकारी कैसे की गयी होगी और लोगो ने काफी प्रशंसा के साथ सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है। पेशे से कार्टूनिस्ट माधव जोशी को 30 साल से भी ज्यादा का अनुभव है और काफी अच्छी पैंटिंग्स भी बनाते है साथ ही कार्टून के साथ-साथ कई अखबारो मे लेख भी लिखते है! पेश है ये कुछ तस्वीरे कैसे एक के बाद एक गणेश जी को आकार दिया गया!

गणेश चतुर्थी की सभी गणेश भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं...इस वर्ष का हमारा गणपति...जिसे मैंने,मेरी बेटी रुजुला और पत्नी म...

Posted by माधव जोशी on Thursday, September 17, 2015

Thursday, 17 September 2015

बताओ गणपति जी ये भी कोई बात हुई!

पहले तो आप सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ|

आज से जगह–जगह गणेश जी के पंडाल लगेंगे साथ ही रोज़ मोती चूर के लड्डू मिलेंगे और खूब सारी मस्ती होगी और कुछ न कुछ कहीं न कहीं मनोरंजन भरे रंगा रंग कार्यक्रम भी होंगे | मुझे याद बचपन मे जब छोटा था (वैसे बचपन मे सब छोटे ही होते है हा हा हा ... :D) तब हम बड़े धूम धाम से गणेश जी की मूर्ति को नगाड़ो के साथ नाचते गाते हुए लाते थे, फिर पंडित जी के पास बार-बार प्रसाद लेने जाते थे कई बार तो पंडित जी डाट भी देते थे पर क्या करे छोटे थे आदत से मजबूर जिस चीज़ के लिए माना करो उसको फिर से करने का मजा ही अलग होता है|

पर अब जब से दिल्ली आया हूँ तब से न तो वो दीवानपन दिखता है न ही वैसी भक्ति, हा ये जरूर दिखा है की जहा भी पंडाल लगाए गए है वहा हनी सिंह के गाने और रिमिक्स गाने बजते जरूर दिख जायेंगे यहा तो बस लोगो में दिखावा देखा था पर अब  यहाँ तो भक्ति मे भी दिखावा है| किसी ने सच ही कहा है “हम भगवान को चाहते नहीं भगवान से डरते है” |

ख़ैर जो भी हो मेरी बात आपको चुभ भी सकती है इसलिए ज्यादा नहीं लिखुंगा पर एक बात जरूर लिखना चाहूँगा जो बुरी लगेगी और लगनी भी चाहिए आखिर इतने भगवान बनाएँ ही क्यों आखिर किसके भक्त बने न बने इनके बने तो वो बुरा मान जायेंगे उनके नहीं तो तो वो बुरा मान जायेंगे, आज की ही बात है मैं जब मंदिर गया तो अजीब सा माहौल दिखा जिस मंदिर में गया वहा सब देवी देवता मौजूद थे पर जिनको हम सर्व प्रथम मानते है (ऐसा मेरा मानना है) गणेश जी की मूर्ति को अलग से स्थापना की गयी और उनकी कोई मूर्ति मौजूद नहीं यानि की वो सिर्फ गणेश चतुर्थी के वक्त अपने दर्शन देने आते है। 

वैसे पंडित जी भी बड़े गज़ब निकले टीका लगा कर कहते अपनी इच्छा अनुसार जो भी दान करना हो कर सकते हो, सही है भी है आखिर मंडी का दौर जो है जबसे PK आयी है कम से कम हम जैसे नौजवान टोआ समझदार तो हो ही गए है (और मैं दान-पेटी को दया के भाव से देखने लगा)।

 बोलो गणपति बाप्पा मोरेया....!





Tuesday, 18 August 2015

His Name is Thackeray & He is Not a Terrorist…..!



During the hanging of Yaqub Memon people were asking “what’s the use of this?” or “What Purpose will it serve?”. Looking at the latest issue of Tehelka magazine I think hanging Yakub was completely justified. Because the way these Pinkos are shouting in pain shows that it has hurt them really bad. On one hand they are frustrated on the hanging of Afzal Guru & Yakub Memon and on the other hand they can’t digest that a “terrorist” like Bala Saheb Thackeray get so much love and respect that even at his funeral almost a million common people gathered and actually wept. 

Most clinching argument of Tehelka is that Bala Saheb was a terrorist because he took pride that Hindu “boys” demolished Babri. Yes, indeed he took pride; but Tehalka needs to understand that this doesn’t make him a “terrorist”. Even famous Indologist & Researcher Koenraad Elst has expressed same views that “every Hindu is entitled to feel some pride that our boys stood up for Hindu dignity on 6th December 1992”. Now I hope Tehalka dosen’t declare K. Elst a terrorist too. 

Tehelka adamantly wants to make a point that Mumbai blasts were “reaction” of Babri demolition. Funny; when it comes to Godhra riots Tehelka doesn’t endorse this action - reaction theory. Tehelka is quite fond of Quoting Shri Krishna Commission’s report against Bala Saheb. I don’t want to disrespect anyone but such commission reports are not the ultimate truths or completely unbiased. For example one commission report stated that Godhra train burning was a mere accident; need not to say that Court verdict has proven otherwise. 

One argument every anti-Bala Saheb person gives is that Bala Saheb  persecuted every migrant minority. It’s ridiculous to say this because in early 90’s when Kasmiri Pandits were hounded out of their houses it was Bala Saheb who gave their children quota in Universities and colleges of Maharashtra. Where these champions of humanity were at that time? They never congratulated Bala Saheb for doing so. None of their hearts were bleeding just because Kashmiri Pandits were Hindus (worse, Brahmins). 

A lot is said about Bala Saheb’s so called anti Muslim remarks/writings. It seems for Pinkos criticizing anything non-Hindu is blasphemous, but denigrating Hinduism is freedom of speech. And not just freedom of speech but it’s even encouraged when Pinkos are in power.

Under Communist government Students in West Bengal were asked to write an essay on- “ In Hindustan, there is No Place for Hindu and Hindi”. A text book for class 5th in West Bengal said “Islam and Christianity are the only religion which treated man with honour and equality.” 

(Imagine if Modi government tries to write any such thing in books. Whole hell will broke loose)

When the matter of this question paper reached Supreme Court the Council of communists made so disparaging comments on Hindu caste and scriptures that Supreme Court judge was forced to say “do not abuse any caste, do not abuse the word ‘Brahmin’”. But the funniest thing about this court room drama is that it was started because of a PIL saying that NDA1 government is “Saffronizing Education”!

We never hear Tehelka or any other Pinko publication criticizing such attack on Hindus.

It was this denigration of Hinduism which Bala Saheb stood against. Communists were never able to come to terms with the facts that it’s Bala Saheb who threw them out of Mumbai and then ruled the city proudly proclaiming himself a Hindu; that howsoever they malign still people keep on loving Bala Saheb. He never cared about what “seculars” say about him and gave them a tit for tat reply in everything. It is this daredevil attitude that Pinkos can never forgive him for. 

In words of Bala Saheb “I will keep on doing whatever I feel is in the interest of the Nation. I don’t care if you sue me in Court but I will keep on doing what I feel good for the country.” 

I remember Tehelka’s Tarun Tejpal is accused of attempt of rape on a girl of his daughter’s age. To put in simple words, Bala Saheb doesn’t need a certificate from such people. For his countrymen he is Bala Saheb Thackeray and he is not a terrorist.



Links from where I have quoted.http://www.voiceofdharma.org/books/acat/ch9.htm

http://m.rediff.com/news/2002/aug/12varsha.htm






Monday, 8 June 2015

लिखना बंद तो सीखना बंद !!

आज बहुत दिन बाद कलम उठाई है ये कह लीजिये की आज मन हुआ कुछ लिखू जो मुझे तसल्ली दे एक अलग ख़ुशी मिलती है जब आप कुछ लिखते है चाहे वो  अच्छा हो या बुरा । मैं कोई ज्ञान बाटने वाली बातें नहीं करूँगा बस कुछ बाते जो लगता है कहनी चाहिए वो कहूँगा ।
ये सफ़र बहुत लंबा है मेरे दोस्त,
थोड़ा तुम चलो थोड़ा हम चले !
पिछले कुछ दिनों से सोच रहा था क्या लिखू कोई राजनितिक टिप्पणी करू , या कुछ व्यंग लिखू, या कही घूमने गया हु तो संस्मरण लिखू, या फिर कविता लिखू? इतने सवालों से घिरने के बाद मेहसूस हुआ की न तो राजनीति में मुझे कोई दिलचस्पी है न ही व्यंग लिखने का मूड है घूमने तो मैं करीब एक साल से कहीं नहीं गया तो संस्मरण भी नहीं लिख सकता अब बची कविता तो सच कहूँ तो प्रैक्टिस नहीं रही !
फिर मैंने सोचा अब यही लिखदे कभी-कभी मन की बात भी लिखना चाहिए । कृपया इससे मोदी जी के कार्यक्रम से ने जोड़े जो रेडियो पर आता है । आप सोच रहे होंगे ये क्या बकवास पढ़ रहा हु पर जब आप लिखेंगे नहीं तो पढ़ाएंगे क्या ?
इसलिए अब शुरुआत तो करनी थी सोचा यही से इन बातों से ही शुरुआत करते है !
मिलते है कुछ नयी बातों के साथ कुछ नए इरादों के साथ आने वाले दिनों में !

Friday, 20 February 2015

अगर इनकी नीलामी हुई तो क्या होगा ?

4 करोड़ 30 लाख की कीमत में नीलाम हुए नरेंद्र मोदी के विवादित  सूट से मैंने सोचा क्यों न ईन नीलामियों को एक जरिया बनाया जाए और जो भी कमाई हो उसको देश की उन्नति में लगाया जाए ?
जहाँ मोदी जी के सूट की बात है वो तो अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के आने पर पहना गया और कई आरोप लगे की वो अपनी मार्केटिंग कर रहे थे |
अगर ऐसा है तो फिर क्यों न उन बयानों की भी बोली लगाई जाए जो उन हर शख्सियत को भी अपनी मार्केटिंग करने में मदद करेगा !
सबसे पहले मुलायम सिंह ने अपने बलात्कार वाले बयान की बोली लगाई जिसमे उन्होंने कहा था "बच्चे है बच्चों से गलती हो जाती है "!
इसके बाद दिग्विजय सिंह का बयान "इसमें आर एस एस का हाथ है "!
मनोहर लाल खट्टर का वो बयान जिसमे उन्होंने कहा था "लड़कियो को छोटे कपड़े नहीं पहनने चाहिए" !
खाप पंचायत का " चाईनीस खाने से बलात्कार होते है " !
अरविन्द केजरीवाल को जीत दिलाने वाली झाड़ू और मफलर !
धोनी के हर वो स्टंप्स जो वो हर मैच जितने के बाद उखाड़ते है !
मनमोहन सिंह जी के 10 साल में बोले हुए शब्द !
अलोक नाथ द्वारा दिया गया उनका हर आशीर्वाद  !
अर्णब गोस्वामी को "Nation wants to Know"!
कांग्रेस "कमल" पर नीलामी लगाएगी |
भाजपा "हाथ" पर !
अनिल कपूर के बाल !
सलमान खान के फिल्मो की स्क्रिप्ट !
अगर ऐसा हुआ तो सोचिये क्या - क्या होगा !

Monday, 16 February 2015

चयन में कुछ काला है !!

2011 का वो विश्वकप कौन भुला होगा जिसमे धोनी ने छक्का मरकर श्रीलंका के खिलाफ जीत हासिल की थी ,और भारतीय प्रशंसको का दिल जीता था | इतिहास गवाह है की 2011 के विश्वकप के असली हीरो युवराज सिंह थे और जब 15 फरवरी को एडिलेड में पाकिस्तान को हराया तो पूरा मुल्क ख़ुशी से पागल हो गया |
पर जब आज सुबह आईपीएल की नीलामी हुई और युवराज सिंह को खरीदने के लिए हर खरीददार एड़ी चोटी का जोड़ लगा कर 16 करोड़ में इस खिलाड़ी को ख़रीदा तो कई सवाल पैदा कर गया और एक पिता का गुस्सा जगजाहिर हो गया |
पिता योगराज सिंह ने जैसे आरोपो की झड़ी सी लगादी हालांकि उनके कई ऐसे सवाल है जो मीडिया भी काफी समय से जानना चाहता था की आखिर विश्वकप में चयन न होने की ऐसी कोनसी बड़ी वजह रही की उनका चयन नहीं हो सका ?  पिता योगराज सिंह के  सवालो से ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे ऐसी बात तो नहीं जिसकी वजह खुद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी रहे हो |
हालांकि युवराज सिंह ने अपने ट्वीट में यह कहकर बात टालने की कोशिश तो नहीं कर गए जिससे क्रिकेट कैरियर पर सवाल पैदा हो जाये उन्होंने कहा
"Like every parent my dad is also passionate and I am sure got carried away always enjoyed playing under Mahi n would do so in future"

"हर पिता की तरह मेरे पिता भी भावुक हो गए है मुझे माहि की कप्तानी में खेलने में हमेशा मज़ा आया है और आगे भी आएगा"

अब सवाल ये है की आखिर ऐसी कोनसी वजह रही है जिनकी वजह से क्रिकेट के सिक्सर किंग कहे जाने वाले  युवराज का चयन नहीं हुआ और हाल ही में पंजाब की तरफ से खेलते हुए रणजी ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन किया था |

Thursday, 15 January 2015

“अबकी बार किसकी सरकार ? ”

दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड में चुनावी सरगर्मी जिस तरह परवान चढ़ चुकी हैं ।
पिछले वर्ष की तरह  इस बार भी राजनितीक पार्टीयां चुनाव जीतने के लिए अपने-अपने कमर कस चुकी है, इससे तो यही लग रहा है कि इस चुनावी समर में कुछ तो नया होगा । चाहे कांग्रेस,भाजपा या आम आदमी पार्टी सभी अपने-अपने मुद्दे पर चुनाव जीतने का दावा पेश कर रही है। वैसे तो दिल्ली का चुनावी माहौल से यही लगता है कि मुख्य  मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच है, कांग्रेस कहीं किनारे खड़ी नजर आ रही है।

 आम आदमी पार्टी पिछले वर्ष कि तरह इस बार भी आरोप प्रत्यारोप पर खेल रही है, कहीं न कहीं वो अपने
जनलोकपाल बिल मुद्दे  से भटक गई है जिसके सहारे उन्होंने दिल्ली का तख्त हासिल किया था ।  भाजपा भी विवादित बयानो के चलते संभलकर खेलना चाह रही हैं ।
अन्य राज्यों की तरह दिल्ली को भी मोदी के सहारे फतह करना चाह रही हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अब तक कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है बल्कि पिछले चुनाव में हर्षवर्धन जैसा ईमानदार लेकिन इस बार ऐसा कोई चेहरा नजर नहीं आ रहा । आखिर कब तक मोदी के चेहरे पर भाजपा दाव लगाती रहेगी ?



पिछली बार आम आदमी पार्टी के पास 28 सींटे जीतकर सरकार बनाई थी लेकिन भाजपा 32 सींटे जीतकर भी सरकार नहीं बना पाई थी वैसे आपकि सरकार भी 49 दिन सें ज्यादा सत्ता पर काबिज नहीं रह सकी , इसके कारण चाहे जो भी रहें हो पर इस बार जनता यही चाहती है कि चाहे सरकार जिसकी भी बने पुर्ण बहुमत की बने ।
- देवेन्द्र गोरे / प्रवीण सिंह 

Wednesday, 14 January 2015

जहरीली शराब से 28 मौत,कौन जिम्मेदार ?

बड़े शर्म की बात है कि उत्तर प्रदेश की सपा सरकार में 28 से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीकर मौत के मुंह में  समा गए । करीब डे़ढ़ सौ लोग अलग - अलग अस्पतालों में भर्ती हैं । आखिर कौन जिम्मेदार है इन सबके लिए ? यह लोगों की सेहत से खिलवाड़ है और प्रदेश सरकार कुछ भी कर नहीं पा रही है । शराब पीने वाले अपनी इस बुरी लत पर खर्च तो करते हैं, लेकिन बच्चो की परवरिश और उसकी शिक्षा पर नहीं । ये राज्य की उन्नति में सबसे ज्यादा बाघक हैं । दुसरी तरफ ,सपा सरकार बड़ी - बड़ी बातें करती है न विकास-कामों को अंजाम दिलाती हैं ।