Ad2
Tuesday, 13 October 2015
खली ने एक विज्ञापन से मचाई खलबली!
Tuesday, 6 October 2015
साहब मैं ‘नशे’ के लिए नहीं कमाता!
Image Source- The Speaking Tree |
और मेरा स्टॉप अगया मैंने 20 रु दिये और चल दिया और उससे बात करके अच्छा लगा।
मैं आज भी जब कभी कौशांबी मेट्रो स्टेशन से उतरता हूँ तो मेरी नजरे उस रिक्शा वाले को ढूँढती है, पर वो कभी उस दिन के बाद से दिखा नहीं और मैंने भी कभी तलाशने की जहमत नहीं उठाई!
Monday, 28 September 2015
Bloggers Contest- I'm Influencer, Chance to Meet India's Top Blogger Kulwant Nagi!
Become an Influencer & win prizes up to INR 20,000
To participate in this competition, register here: I' m Influencer form: http://bit.ly/1iW6cag
Wednesday, 23 September 2015
दिल्ली में रह रहे हो तुम, तो ये 4 जगह देर रात झूमो सकते हो तुम!
Monday, 21 September 2015
लखनऊ में जीत इंसानियत की हुई, पत्रकार आशुतोष बने हेरो!
10 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद रोज 50 रूपए कमाने वाले कृष्ण कुमार को इस बात का अंदाजा भी न था, कि उनका 4 हजार रूपए का पुरान...
Posted by Ashutosh Tripathi on Saturday, September 19, 2015
Sunday, 20 September 2015
रविश कुमार के 10 ऐसे ट्वीट जो आपको उनका प्रशंसक बनाने के लिए काफी है!
मेरी भारत सरकार से मांग है कि जल्दी ही राष्ट्रीय नज़रबंद आयोग बनाए और उसका चेयरमैन मुझे । वैसे भी मुझे पुराने काम में मन नहीं लगता ।
— ravish kumar (@ravishndtv) August 22, 2015
2.
रेल पर कार का विज्ञापन । जबकि ये रेल तो कार के विकल्प में आई थी । जाय द भाई जाय द । pic.twitter.com/S3cS5J9UFm
— ravish kumar (@ravishndtv) August 22, 2015
3.
कोई सोमवार को मुझे भी घर आकर नज़रबंद कर ले । वीकेंड लंबा हो जाएगा !
— ravish kumar (@ravishndtv) August 22, 2015
4.
पहली तस्वीर का लॉंग शॉट । साइकिल पर स्कूल । pic.twitter.com/X28rGvI0dj
— ravish kumar (@ravishndtv) August 19, 2015
5.
माता पिता कपड़े प्रेस कर रहे थे और बच्चे उनकी साइकिल को स्कूल समझ पढ़ने लगे । विश्व फ़ोटोग्राफ़ी दिवस पर आपके लिए pic.twitter.com/HRAiyDiKNE
— ravish kumar (@ravishndtv) August 19, 2015
6.
अगर आप कॉल ड्राप से परेशान हैं तो बुधवार को अपना स्मार्ट फोन कबूतर को दान कर दें । ईश्वर आपको आई पैड देगा ।
— ravish kumar (@ravishndtv) August 19, 2015
7.
हम गांधी जी के तीन बंदर नहीं हैं । हम हैं ख़तरों के खिलाड़ी । pic.twitter.com/XtgUISu8Va
— ravish kumar (@ravishndtv) August 13, 2015
8.
रात भर बरसता रहता है आँगन भरता है,
बारिशों में मेरा शहर नालियों में बहता है ।
— ravish kumar (@ravishndtv) August 9, 2015
9.
चलता हूँ । चलते रहिए । ख़्वाब देखने के लिए किसी रैली में जाया कीजिये । हकीकत तो आप ख़ुद हैं !
— ravish kumar (@ravishndtv) August 2, 2015
10.
भवन भ्रमण पर है ! pic.twitter.com/BBN0Tvbbir
— ravish kumar (@ravishndtv) July 31, 2015
Friday, 18 September 2015
आपने ये नहीं देखा तो फिर क्या देखा!
गणेश चतुर्थी की सभी गणेश भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं...इस वर्ष का हमारा गणपति...जिसे मैंने,मेरी बेटी रुजुला और पत्नी म...
Posted by माधव जोशी on Thursday, September 17, 2015
Thursday, 17 September 2015
बताओ गणपति जी ये भी कोई बात हुई!
Tuesday, 18 August 2015
His Name is Thackeray & He is Not a Terrorist…..!
Most clinching argument of Tehelka is that Bala Saheb was a terrorist because he took pride that Hindu “boys” demolished Babri. Yes, indeed he took pride; but Tehalka needs to understand that this doesn’t make him a “terrorist”. Even famous Indologist & Researcher Koenraad Elst has expressed same views that “every Hindu is entitled to feel some pride that our boys stood up for Hindu dignity on 6th December 1992”. Now I hope Tehalka dosen’t declare K. Elst a terrorist too.
Tehelka adamantly wants to make a point that Mumbai blasts were “reaction” of Babri demolition. Funny; when it comes to Godhra riots Tehelka doesn’t endorse this action - reaction theory. Tehelka is quite fond of Quoting Shri Krishna Commission’s report against Bala Saheb. I don’t want to disrespect anyone but such commission reports are not the ultimate truths or completely unbiased. For example one commission report stated that Godhra train burning was a mere accident; need not to say that Court verdict has proven otherwise.
One argument every anti-Bala Saheb person gives is that Bala Saheb persecuted every migrant minority. It’s ridiculous to say this because in early 90’s when Kasmiri Pandits were hounded out of their houses it was Bala Saheb who gave their children quota in Universities and colleges of Maharashtra. Where these champions of humanity were at that time? They never congratulated Bala Saheb for doing so. None of their hearts were bleeding just because Kashmiri Pandits were Hindus (worse, Brahmins).
A lot is said about Bala Saheb’s so called anti Muslim remarks/writings. It seems for Pinkos criticizing anything non-Hindu is blasphemous, but denigrating Hinduism is freedom of speech. And not just freedom of speech but it’s even encouraged when Pinkos are in power.
Under Communist government Students in West Bengal were asked to write an essay on- “ In Hindustan, there is No Place for Hindu and Hindi”. A text book for class 5th in West Bengal said “Islam and Christianity are the only religion which treated man with honour and equality.”
(Imagine if Modi government tries to write any such thing in books. Whole hell will broke loose)
When the matter of this question paper reached Supreme Court the Council of communists made so disparaging comments on Hindu caste and scriptures that Supreme Court judge was forced to say “do not abuse any caste, do not abuse the word ‘Brahmin’”. But the funniest thing about this court room drama is that it was started because of a PIL saying that NDA1 government is “Saffronizing Education”!
We never hear Tehelka or any other Pinko publication criticizing such attack on Hindus.
It was this denigration of Hinduism which Bala Saheb stood against. Communists were never able to come to terms with the facts that it’s Bala Saheb who threw them out of Mumbai and then ruled the city proudly proclaiming himself a Hindu; that howsoever they malign still people keep on loving Bala Saheb. He never cared about what “seculars” say about him and gave them a tit for tat reply in everything. It is this daredevil attitude that Pinkos can never forgive him for.
In words of Bala Saheb “I will keep on doing whatever I feel is in the interest of the Nation. I don’t care if you sue me in Court but I will keep on doing what I feel good for the country.”
I remember Tehelka’s Tarun Tejpal is accused of attempt of rape on a girl of his daughter’s age. To put in simple words, Bala Saheb doesn’t need a certificate from such people. For his countrymen he is Bala Saheb Thackeray and he is not a terrorist.
Links from where I have quoted.http://www.voiceofdharma.org/books/acat/ch9.htm
http://m.rediff.com/news/2002/aug/12varsha.htm
Monday, 8 June 2015
लिखना बंद तो सीखना बंद !!
थोड़ा तुम चलो थोड़ा हम चले !
इसलिए अब शुरुआत तो करनी थी सोचा यही से इन बातों से ही शुरुआत करते है !
मिलते है कुछ नयी बातों के साथ कुछ नए इरादों के साथ आने वाले दिनों में !
Friday, 20 February 2015
अगर इनकी नीलामी हुई तो क्या होगा ?
अगर ऐसा है तो फिर क्यों न उन बयानों की भी बोली लगाई जाए जो उन हर शख्सियत को भी अपनी मार्केटिंग करने में मदद करेगा !
सलमान खान के फिल्मो की स्क्रिप्ट !
Monday, 16 February 2015
चयन में कुछ काला है !!
2011 का वो विश्वकप कौन भुला होगा जिसमे धोनी ने छक्का मरकर श्रीलंका के खिलाफ जीत हासिल की थी ,और भारतीय प्रशंसको का दिल जीता था | इतिहास गवाह है की 2011 के विश्वकप के असली हीरो युवराज सिंह थे और जब 15 फरवरी को एडिलेड में पाकिस्तान को हराया तो पूरा मुल्क ख़ुशी से पागल हो गया |
पर जब आज सुबह आईपीएल की नीलामी हुई और युवराज सिंह को खरीदने के लिए हर खरीददार एड़ी चोटी का जोड़ लगा कर 16 करोड़ में इस खिलाड़ी को ख़रीदा तो कई सवाल पैदा कर गया और एक पिता का गुस्सा जगजाहिर हो गया |
पिता योगराज सिंह ने जैसे आरोपो की झड़ी सी लगादी हालांकि उनके कई ऐसे सवाल है जो मीडिया भी काफी समय से जानना चाहता था की आखिर विश्वकप में चयन न होने की ऐसी कोनसी बड़ी वजह रही की उनका चयन नहीं हो सका ? पिता योगराज सिंह के सवालो से ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे ऐसी बात तो नहीं जिसकी वजह खुद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी रहे हो |
हालांकि युवराज सिंह ने अपने ट्वीट में यह कहकर बात टालने की कोशिश तो नहीं कर गए जिससे क्रिकेट कैरियर पर सवाल पैदा हो जाये उन्होंने कहा
"Like every parent my dad is also passionate and I am sure got carried away always enjoyed playing under Mahi n would do so in future"
"हर पिता की तरह मेरे पिता भी भावुक हो गए है मुझे माहि की कप्तानी में खेलने में हमेशा मज़ा आया है और आगे भी आएगा"
अब सवाल ये है की आखिर ऐसी कोनसी वजह रही है जिनकी वजह से क्रिकेट के सिक्सर किंग कहे जाने वाले युवराज का चयन नहीं हुआ और हाल ही में पंजाब की तरफ से खेलते हुए रणजी ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन किया था |
Thursday, 15 January 2015
“अबकी बार किसकी सरकार ? ”
आम आदमी पार्टी पिछले वर्ष कि तरह इस बार भी आरोप प्रत्यारोप पर खेल रही है, कहीं न कहीं वो अपने “जनलोकपाल बिल” मुद्दे से भटक गई है जिसके सहारे उन्होंने दिल्ली का तख्त हासिल किया था । भाजपा भी विवादित बयानो के चलते संभलकर खेलना चाह रही हैं ।
- देवेन्द्र गोरे / प्रवीण सिंह