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Monday, 21 September 2015
लखनऊ में जीत इंसानियत की हुई, पत्रकार आशुतोष बने हेरो!
कौन कहता है सोशल मीडिया में ताकत नहीं है! दैनिक भास्कर के फोटो जर्नलिस्ट आशुतोष त्रिपाठी ने आखिर साबित कर दिखाया की एक अकेला भी किसी की मदद के लिए काफी है! ख़ैर चलिये इनकी मदद से टूटा टाइपराइटर तो मिल गया पर जो इज्ज़त खोयी है उसका क्या होगा?
उत्तर प्रदेश में ये तो आम बात रही है की गुंडा गर्दै तो होती रहेगी पर सवाल ये है की आखिर कब तक? रोज़ कोई न कोई नया कांड होता है खबर बनती है पर प्रशासन है की ज़िम्मेदारी लेने से कतराता रहा है।
पेश है वो तस्वीर जिसे खुद आशुतोष ने अपने फेसबूक वाल पर पोस्ट किया था!
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