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Wednesday 10 September 2014

मेरी “कॉम” जिसका किसी “कौम” से लेना देना नहीं !


3***/5 
फिल्म की शुरुआत मे भंसाली प्रॉडक्शन का लोगो देखने के बाद मुझे डर लगा कहीं मैं गलत फिल्म देखने तो नहीं आगया क्योंकि उनकी फिल्म का काम स्टोरी पर कम सेट पर ज़्यादा दिखता है पर फिर जब निर्देशक उमंग कुमार का नाम देखा तो मुझे याद आया कुछ साल पहले मैं जब टेलिविजन  पर “एक मिनट” वाला एक शो आया करता  था जो भारतीय टेलिविजन इंडस्ट्री में उनकी ही देन थी तो मुझे “सुकून मिला” और शानदार काम देखने को मिला |
                              खेर हम इन नामो से बाहर निकलते है और बात करते है  5 बार की विश्व बॉक्सिंग चैम्पियन मणिपुरी खिलाड़ी “मेरी कॉम की जिनकी ज़िंदगी पर  यह फिल्म बनाई गयी है | निर्देशक के तौर पे यह उमंग कुमार की पहली फिल्म है और काफी अच्छा प्रयास है पर फिल्म देख कर ऐसा मालूम पड़ता  है की मेरी कॉम पर शोध कम किया गया है | हालांकि कुछ लोगो का तो ये भी मानना है की अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की शक्ल मेरी कॉम नहीं लगती , पर यहा शक्ल हूबहू होना ज़रूरी नहीं कहानी में दम जरूरी था  |

फिल्म मे वह ज़िद्द करके बॉक्सिंग खिलाड़ी बनती है और किस तरह मेहनत करके  स्टेट, नेशनल चैम्पियन फिर वर्ल्ड चैम्पियन बनती है | फिल्म के बीच मे मेरी कॉम का इंटरव्यू भी दिखाया गया है जिसमे फ़ैडरेशन उन्हे खाने मे केला और दूध के अलवा कुछ नहीं मिलता फिर भी अभाव के चलते खिलाड़ी अपना प्रदर्शन शानदार रखते है | लोकल फूटबाल खिलाड़ी से शादी करने के बाद बॉक्सिंग से अलग रहना मेरी कॉम को गवारा नहीं हुआ और जुड़वा बच्चे होने के बाद  फिर से वापसी करना चाहती है और कॉम का पति साथ देता है एक मैच मे चीटिंग की वजह से हार का सामना देखना पड़ता है और इसमें एक मणिपुरी की भारतीय राज्य से जो शिकायत है वह भी है लेकिन संतुलित रूप में दिखाई गयी है । निर्देशक ने खेल संघों के भीतर चलने वाली राजनीति और ओछेपन को भी दिखाया है। पर राष्ट्रीयता की भावना भी है और आखिर में ‘जन गण मन’ के गायन से फिल्म की समाप्ती होती है | मेरी तरफ से आपको यह फिल्म ज़रूर देखना चाहिए और गर्व महसूस करना चाहिए की हमारा देश सिर्फ क्रिकेट ही नहीं बॉक्सिंग मे भी अन्य देशो मे नाम कामना जनता है |
फिल्म में गाने है पर सब अपनी जगह सटीक बैठते है “सलाम इंडिया ..” एक अलग ऊर्जा पैदा करता है वही “सुकून मिला ..” अच्छा रोमांटिक नगमा है !
                             मेरी के कोच की भूमिका सुनील थापा ने निभाई है जो चर्चित नेपाली कलाकार हैं। मेरी के पिता बने हैं रॉबिन दास जो बरसों रंग जगत के चर्चित निर्देशक रहे और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में अध्यापक भी है । मेरी के पति की भूमिका नए अभिनेता दर्शन कुमार ने निभाई है। ये सभी अपनी-अपनी जगहों पर प्रभावित करते हैं। लेकिन फिल्म तो टिकी है प्रियंका पर जिन्होंने इस भूमिका के लिए काफी मेहनत की है और मेरी के संघर्षशील व्यक्तित्व के भावनात्मक पहलुओं को गहराई के साथ उतारा है।