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Thursday, 30 March 2017

आखिर क्या है बीएस-3 और क्यों सुप्रीम कोर्ट ने लगाया बैन?

पहली अप्रैल से बीएस-3 मानक वाले वाहनों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से रोक लगाये जाने के फैसले को बरकरार रखने से देश के ऑटो इंडस्ट्री के सामने विकराल संकट उत्पन्न हो गया है. इस समय देश के डीलरों के पास विभिन्न ऑटोमोबाइल कंपनियों की करीब 8.24 लाख गाड़ियां शोरूम्स में बिकने के लिए रखी हुई हैं. इनकी बिक्री पर रोक के आदेश को बरकरार रखने के बाद कंपनियों के सामने इनके निर्माण में आने वाली लागत को निकाल पाने में भी कठिनाई नजर आ रही है. बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दोपहिया, तीन पहिया और वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली कंपनियों पर 12 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ सकता है.
क्या है बीएस 3?
-बीएस के मायने एमिशन स्टैंडर्ड से है.  बीएस यानी भारत स्टेज से पता चलता है कि आपकी गाड़ी कितना प्रदूषण फैलाती है.
-बीएस के जरिए ही भारत सरकार गाड़ियों के इंजन से निकलने वाले धुएं से होने वाले प्रदूषण को रेगुलेट करती है.
-बीएस मानक सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड तय करता है. देश में चलने वाली हर गाड़ियों के लिए बीएस का मानक जरूरी है.
विदेश में क्या है मानक?
-यूरोप में इस तरह के मानक को यूरो कहते हैं.
वहीं अमेरिका में ये मानक टीयर 1, टीयर 2 है.
बीएस 3 क्या है?
-बीएस के साथ जो नंबर होता है उससे यह पता चलता है कि इंजन कितना प्रदूषण फैलाता है. यानी जितना बड़ा नंबर उतना कम प्रदूषण.
-भारत में एनसीआर और कुछ दूसरे शहरों में बीएस 4 लागू है. वैसे देश भर में बीएस 3 लागू है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर?
-सुप्रीम कोर्ट ने अब देश भर में बीएस 3 की गाड़ियों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है. यानी अब देश भर में बीएस 4 का नियम पूरी तरह लागू हो जाएगा.






1 जनवरी 2014 को नोटि‍फि‍केशन जारी हुआ था
सरकार का नए वाहनों पर जोर है, जिसके लिए 1 जनवरी 2014 को नोटि‍फि‍केशन जारी हुआ था, जिसमें कंपनियों को बीएस-4 लागू करने के निर्देश दिए हैं. नया नियम 1 अप्रैल, 2017 से लागू होना है. कार कंपनि‍यों का कहना है कि ये नोटिफिकेशन स्पष्ट नहीं है. गौर हो कि देश में बीएस-3 के वाहन काफी ज्यादा हैं. अनुमान है कि पैसेंजर व्‍हीकल्‍स में 20000, टू-व्‍हीलर्स में 7.5 लाख, थ्री व्‍हीलर्स में 4,500 और कमर्शि‍यल व्‍हीकल्‍स में करीब 75 हजार बीएस-3 के वाहन हैं. 

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