Seek help from Counselors and Psychologists directly on Whatsapp for Board exams. Send Whatsapp message on: 9873742038
Posted by AdviceAdda.com on Monday, January 11, 2016
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Tuesday, 12 January 2016
बोर्ड परीक्षा में बैठ रहे छात्रों के लिए फ्री हेल्पलाइन की शुरुआत!
अगर आप इस साल बोर्ड परीक्षा में बैठ रहे हैं तो ये ख़बर आपके लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली देश की पहली एक्सपर्ट एडवाइस वेबसाइट एडवाइस अड्डा डॉट कॉम ने बोर्ड परीक्षा में बैठ रहे छात्रों के लिए फ्री व्हाट्सएप हेल्पलाइन (9873742038) की शुरुआत की है। इस फ्री हेल्पलाइन के जरिए इस साल बोर्ड परीक्षा दे रहे छात्र परीक्षा से जुड़े तनाव, भय या फिर किसी भी दूसरी समस्या पर काउंसलर और साइकोलॉजिस्ट की मदद मुफ्त में ले सकते हैं।
गौरतलब है कि हर साल देश में 10 हज़ार से ज्यादा छात्र आत्महत्या करते हैं जिनमें से ज्यादातर मामलों की वजह परीक्षा में कम अंक आना या फिर अपने मां-बाप की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाना होता है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए ही एडवाइस अड्डा डॉट कॉम ने इस फ्री हेल्पलाइन की शुरूआत की है ताकि वो तमाम छात्र जो बोर्ड परीक्षा को लेकर तनाव में हों, जिन्हें फेल हो जाने का भय सता रहा हो या फिर जिन्हें तैयारी करने में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हो, समय रहते अनुभवी एक्सपर्ट की मदद ले सकें और अपना भविष्य संवार सकें। छात्रों के लिए शुरु किए गए इस व्हाट्सएप हेल्पलाइन से देश के तमाम जाने-माने और अनुभवी करियर काउंसलर, मनोवैज्ञानिक और दूसरे एक्सपर्ट जुड़े हुए हैं जिनका मकसद ऐसे हज़ारों छात्रों की मदद करना है जो बोर्ड परीक्षाओं के दौरान या तो अवसाद का शिकार हो जाते हैं या फिर अाधी अधूरी तैयारियों की वजह से तनाव में आ जाते हैं।
अगर आप भी इस साल बोर्ड परीक्षाओं में बैठ रहे हैं और आप ऐसी किसी परेशानी का सामना कर रहे हैं तो बिना देरी किए आप इस हेल्पलाइन की मदद ले सकते हैं। इसके लिए आपको बस इतना करना है कि आप अपनी परेशानी का विवरण लिखकर हेल्पलाइन नंबर 9873742038 पर व्हाट्सएप कर दें। जैसे ही आप अपनी समस्या हेल्पलाइन नंबर पर भेजेंगे आपको संपर्क किया जाएगा और जल्द से जल्द संबंधित एक्सपर्ट की ओर से आपको जवाब मिल जाएगा। इस सुविधा के लिए आपको किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा। इस हेल्पलाइन को लांच करने का मकसद उन तमाम छात्रों की मदद करना है जो चाहकर भी मनोवैज्ञानिकों या काउंसलर की मदद नहीं ले पाते।
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