आज बहुत दिन बाद कलम उठाई है ये कह लीजिये की आज मन हुआ कुछ लिखू जो मुझे तसल्ली दे एक अलग ख़ुशी मिलती है जब आप कुछ लिखते है चाहे वो अच्छा हो या बुरा । मैं कोई ज्ञान बाटने वाली बातें नहीं करूँगा बस कुछ बाते जो लगता है कहनी चाहिए वो कहूँगा ।
ये सफ़र बहुत लंबा है मेरे दोस्त,
थोड़ा तुम चलो थोड़ा हम चले !
थोड़ा तुम चलो थोड़ा हम चले !
पिछले कुछ दिनों से सोच रहा था क्या लिखू कोई राजनितिक टिप्पणी करू , या कुछ व्यंग लिखू, या कही घूमने गया हु तो संस्मरण लिखू, या फिर कविता लिखू? इतने सवालों से घिरने के बाद मेहसूस हुआ की न तो राजनीति में मुझे कोई दिलचस्पी है न ही व्यंग लिखने का मूड है घूमने तो मैं करीब एक साल से कहीं नहीं गया तो संस्मरण भी नहीं लिख सकता अब बची कविता तो सच कहूँ तो प्रैक्टिस नहीं रही !
फिर मैंने सोचा अब यही लिखदे कभी-कभी मन की बात भी लिखना चाहिए । कृपया इससे मोदी जी के कार्यक्रम से ने जोड़े जो रेडियो पर आता है । आप सोच रहे होंगे ये क्या बकवास पढ़ रहा हु पर जब आप लिखेंगे नहीं तो पढ़ाएंगे क्या ?
इसलिए अब शुरुआत तो करनी थी सोचा यही से इन बातों से ही शुरुआत करते है !
मिलते है कुछ नयी बातों के साथ कुछ नए इरादों के साथ आने वाले दिनों में !
इसलिए अब शुरुआत तो करनी थी सोचा यही से इन बातों से ही शुरुआत करते है !
मिलते है कुछ नयी बातों के साथ कुछ नए इरादों के साथ आने वाले दिनों में !