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Wednesday, 20 August 2014

He Lost Himself with Male EGO !

Usually we share our emotions,joy and nostalgic moments . But when it comes to sharing some valuable aspects of life we tend to be the one who unaware of it and when it comes some really “great people” it seems they are contended with the luggage of knowledge they carry. I want to grab your attention towards social media sites like facebook,twitter  etc. Yesterday i got a message on whatsapp “10 legal rights women must know “,an initiative by HT. I forwarded this message to my familiar contacts including boys. After reading , some boys appreciated the usefulness of content by saying “surely I will share it” but the other one replied “I was not aware of this” . This second reply motivated me and i Made this message viral. 


But there was one guy , who simply told me ” some fundas are wrong !  I asked him why would HT publish wrong information ? then he answered its not a good newspaper. I forcibly asked him to correct the laws then. And he weirdly replied “is this my work now ?” As far as my thinking goes, Aam Aadmi should share such information in the interest of society”. But remember before forwarding must crosschecked the information is correct or not ? But unfortunately I waited for his reply for long time and I thought his male ego not forced him to reply and I feel still in our country the orthodox thinking is alive …… and I was ashamed of his thinking !!   


Friday, 15 August 2014

क्यों नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस भाषण ऐतिहासिक था ??

भाषण  हमारे देश की पूरनी परंपरा रही है हम कितना भी अच्छा भाषण सुनले  हम तालियाँ बड़ी ज़ोरों से बजाते है पर हम उन काही हुई बातों  पर कितना अमल करते है  ये आप भी जानते है और हम भी ! कुछ लोग  तो पूछते रहते है अच्छे दिन कब आएँगे ? पर मुझे एक बात समझ नहीं आती  जब तक हम भाषण मे कहीं गयी बातों पर ध्यान नहीं देंगे तो  हम अच्छे दिन आने का सिर्फ इंतजार ही करते रह जाएंगे  आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आज का भाषण बहुत महत्वपूर्ण है उन्होने कुछ  बातों पर  ध्यान देने की बात  तो कहीं है और अगर इनपर ही अमल किया जाये तो  क्या हम खुद अच्छे दिन नहीं ला  सकते ताकि हम पूरी दुनिया में कहीं भी गर्व से कह सके की We are proud to be an Indian :) 

देश के 68वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योजना आयोग को समाप्त करने का ऐलान किया और विपक्ष को साथ लेकर चलने के आह्वान के साथ ही जातिगत एवं सांप्रदायिक हिंसा पर रोक की हिमायत की साथ ही बेटियों की सुरक्षा और गरीबी से लड़ने का मुद्दा भी उठाया।
सत्ता में आने के तीन माह से भी कम समय के भीतर मोदी ने विकास और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए नये विचारों की इबारत लिखते हुए कहा कि भारत को वैश्विक निर्माण का आधार बनना चाहिए।
मोदी आज सबसे पहले राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पीएम लाल किला पहुंचे और सेना ने उन्हें सलामी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वतंत्रता दिवस पर लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ा। वह ऐसा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए। उन्‍होंने निर्देश दिया था कि भाषण देते वक्‍त उनके ऊपर छाता तान कर नहीं रखा जाए। साथ ही, उनके लिए बनाए गए मंच पर बुलेट प्रूफ घेरा भी नहीं था।
मोदी ने योजना आयोग खत्म करने का ऐलान किया। मोदी ने कहा कि योजना आयोग में ढांचागत परिवर्तन कर नए संस्थान का गठन किया जाएगा। जल्दी ही नए संस्था का ब्लूप्रिंट जारी किया जाएगा।
नरेंद्र मोदी ने देश के 68वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 'अत्यधिक गरीब' लोगों के लिए बैंक खाता खोलने और उनके लिए 1,00,000 रुपये के बीमा योजना की घोषणा की। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना' के माध्यम से हम गरीब से गरीब लोगों के लिए बैंक खाता खुलवाना चाहते हैं। "जन धन योजना' के तहत गरीब लोगों का एक लाख रुपये का बीमा कराया जाएगा।
नरेंद्र मोदी ने विश्वभर के निवेशकों से अपील की कि वे भारत विनिर्माण का केंद्र बनाएं। उन्होंने कहा, "कम, मेक इन इंडिया" । "मैं विश्वभर से कहता हूं, भारत में सामान का उत्पादन करें। सामान कहीं भी बेचें, लेकिन इसका उत्पादन भारत में करें। हमारे पास कौशल और योग्यता है। हमारा सपना होना चाहिए कि हम विश्वभर में कह सकें, 'मेड इन इंडिया'।"
नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक साल के अंदर हर विद्यालय में लड़कियों के लिए अलग शौचालयों का निर्माण हो जाना चाहिए। एक साल के भीतर प्रत्येक विद्यालय में बालिकाओं के लिए अलग शौचालय का निर्माण हो जाना चाहिए,
देश के कुछ भागों में हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सांप्रदायिकता और जातिवाद देश की प्रगति में बाधा है। मोदी ने कहा कि हम सदियों से सांप्रदायिक तनाव से गुजर रहे हैं। इसकी वजह से देश विभाजन तक पहुंच गया़, जातिवाद सांप्रदायवाद का जहर कब तक चलेगा किसका भला होगा बहुत लोगों को मार दिया, काट दिया, कुछ नहीं पाया, भारत मां के दामन पर दाग लगाने के अलावा कुछ नहीं पाया।
बलात्कार की घटनाओं पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा माथा शर्म से झुक जाता है, जब हम इस तरह की घटनाओं के बारे में सुनते हैं। उन्होंने उन राजनेताओं पर प्रहार किया जो इस तरह के अपराध का विश्लेषण करने के लिए मनोवैज्ञानिक बन जाते हैं।
नरेंद्र मोदीने भारत के निराशाजनक लिंगानुपात की ओर भी ध्यान खींचा। "मैं डॉक्टरों से अपील करता हूं कि गर्भस्थ कन्या की हत्या न करें। मैं माता-पिता से बेटी की हत्या न करने की अपील करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ऐसे परिवारों को भी जानते हैं, जिनमें पांच बेटे थे और जो बड़े मकानों में रहते थे, लेकिन अपने बूढ़े मां-बाप को वृद्धाश्रम भेज दिया। वहीं, मैंने ऐसे परिवार भी देखे हैं, जिनमें इकलौती बेटी ने अपने माता-पिता की देखभाल करने के लिए शादी भी नहीं की।"